लोग मिलते हैं हवाओं में, मंजिलें होती हैं अलग-अलग
फिर भी यादें रह जाती हैं, देखें न देखें काफी होती है एक झलक
कविता वो जो दिल में उतर जाए, कविता वो जो रूह को छू जाए
कविता वो जो आँखों को नम कर जाए,
सविता ने कविता लिखी है आशा करती हूँ कि आप सब को पसंद आ जाए ,
सबसे पहले मैं जीजाजी-दीदी से माफ़ी चाहूंगी गर मेरी कविता में रिचा की खूबी का बखान छूट गया हो
कुछ दिल के भाव कुछ पलों के अनुभाव, कुछ कुछ उसका सरल स्वभाव कुछ उसका प्यारा बर्ताव
इन सबको शब्दों में पिरोने का प्रयास
वो है हमेशा हमारे पास , हर पल रहता है उसका एहसास
कि वो थी इंसान बहुत ही ख़ास
कि हवाओं में रहता है उसका आभास ,
मानते हैं बदल गया उसका निवास
पर हम सबको देखती रहती हैं, पूरा है मुझे विश्वास
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रिचा हमारी सबसे प्यारी,
बड़ी समझदार सबसे न्यारी,
चेहरा उसका सुन्दर फूल, खिले क्यारी क्यारी
घर की रौनक , उससे सजती फूलवारी ,
पहने जो भी वस्त्र, सादगी उसका जेवर,
कभी नहीं बोली ऊंचा, न दिखाए तेवर
सादगी की प्रतिभा, वो थी शालीनता की मूरत,
वो थी मेरी काजोल पाई उसके जैसी सूरत
छोटी थी पर थी वो बड़ी ज्ञानी,
आर्ट ऑफ़ लिविंग की थी वो ध्यानी
जो कोई आए भोजन खिलाए , ना सिर्फ पूछे पानी
दिल था बड़ा विशाल , वो थी बड़ी दानी
कभी न हुई मायुश , न कोई चेहरे पर शिकन
दिल था उसका जैसे पिघला हुआ मक्खन
न करी कभी उफ़ कितना हो दर्द
हिम्मत इतनी कि क्या झेलेगा कोई मर्द
मम्मी पापा की दुलारी, भी बहन की लाडली
भाभी सौम्या, भांजी धर्मिष्टा, के साथ रही जैसे सहेली
मेरे बच्चों की थी प्यारी बहन, न कभी भूली दूज न रक्षाबंधन
उसको कदर थी रिश्तों की , निभाने आते थे संबंध
हँसता हुआ चेहरा, आँखों में अनोखी चमक
उसके खिलते हुए चेहरे पर थी एक पावन दमक
कानों में झुमकी कड़ों की खनक
एक बार जो उसे देख ले, नहीं भूले एक झलक
आज वो नहीं हमारे बीच,
सोचकर दिल में गूंजती है चीख
पता नहीं उसके बिना कैसे कोई होगा ठीक
अपनी छोटी सी उम्र में हम सबको दे गई बहुत सीख
It is difficult to stop once I start.
So all of you please bear with me,
I knew for sure she was too dear to me and thee.
34 years ago an angel was born.
In the deep blue sky, like a star shone.
She was most affectionate, loving and caring.
She was a homely child, always sharing.
Though she was the youngest, she was a leader.
She was smart, intelligent and a reader
Always doing her duties, hardworking forever.
She has taught us so much, it is up to us to remember.
How to endure pain, not to sigh or complain.
How to keep a smile on your face. how to sustain
was totally into Art of Living, did pooja, havan and meditation.
Would never miss out, whether she was at any station.
I have seen her since she was born.
There is a tear in my heart thinking that she has gone.
God give the family strength to endure the loss.
Though being the youngest she was the boss.
Always well dress would look beautiful
very elegant, simple and traditional,
undoubtedly confident Always bold not coy.
She had a million dollar smile which spelt
of utmost joy.
She was very obedient, would exactly do what her mom wanted. But
when it was her Dad he had to do what she dictated.
She was the darling of the Bagrodia household.
She always did the right thing without being told.
She respected values and maintain relations.
She had lot of ‘satsangs’ she was the one behind all preparations.
There is so much that I can say.
There is a perpetual brainstorm of thoughts like stacks of hay.
I can see her here there and everywhere.
It seems she may just come out from anywhere.
Our families have had the most best of precious time.
Time has suddenly stopped, but memories shine.
Though we were miles apart.
There was always bonding from the heart.
- poetry written by Mami ji (Savita Goel)
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