Ashish Bagrodia
Richa gone
Lying there helpless and cold
Finally the battle of ten years ended
Though gracefully
Like a true warrior
But she succumbed
Her mouth open slightly
Her eyes slightly open
I can never forget that sight
Never
Her swollen feet
Tender and graceful in spite of the swelling
Like a small doll she lay lifeless
Her hair looked dishevelled and tired as if after a long days hard work , after a long long , commute finally returning home
Her forehead looked tired yet at peace
चली गई ऋचा चिर निद्रा में
शय्या पर लेटी है बेबस निश्चल
आखिर अंत हो ही गया दस साल के लंबे संघर्ष का
एक गौरवशाली खूबसूरत अंत
एक सच्चे योद्धा के समान
आखिर धरासायी हो गई
अल्प खुला मुंह
अधखुली आँखें
मेरी आँखों से ओझल नहीं होगा कभी ये दृश्य
कभी नहीं
उसके सूजे हुए पांव
सूजन के बावजूद भी कोमल और आकर्षक
एक नन्ही सी गुडिया सी लेटी पड़ी वो अचल
उसके अस्त व्यस्त केश ...मानों कई दिनों के कठिन परिश्रम के बाद थक गई हो
अभी दैनिक काम से लौटी हो....
क्लांत परंतु शांत है उसका मस्तक
Finally the battle of ten years ended
Though gracefully
Like a true warrior
But she succumbed
Her mouth open slightly
Her eyes slightly open
I can never forget that sight
Never
Her swollen feet
Tender and graceful in spite of the swelling
Like a small doll she lay lifeless
Her hair looked dishevelled and tired as if after a long days hard work , after a long long , commute finally returning home
Her forehead looked tired yet at peace
चली गई ऋचा चिर निद्रा में
शय्या पर लेटी है बेबस निश्चल
आखिर अंत हो ही गया दस साल के लंबे संघर्ष का
एक गौरवशाली खूबसूरत अंत
एक सच्चे योद्धा के समान
आखिर धरासायी हो गई
अल्प खुला मुंह
अधखुली आँखें
मेरी आँखों से ओझल नहीं होगा कभी ये दृश्य
कभी नहीं
उसके सूजे हुए पांव
सूजन के बावजूद भी कोमल और आकर्षक
एक नन्ही सी गुडिया सी लेटी पड़ी वो अचल
उसके अस्त व्यस्त केश ...मानों कई दिनों के कठिन परिश्रम के बाद थक गई हो
अभी दैनिक काम से लौटी हो....
क्लांत परंतु शांत है उसका मस्तक
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